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पट्टे की जमीन का खेल चल रहा है दनकौर क्षेत्र में, यमुना अथॉरिटी की जमीन को धारा 80 कर दिया गया है, जो खेल तुस्याना और चिटहेरा में हुआ था वही खेल दनकौर क्षेत्र में हो रहा है

OSD ने पुलिस को खबर कर दिए लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर ली, ओएसडी की एक्शन से पुलिस बेखबर

181 गाटा संख्या में प्लॉट काटने का खेल नहीं रुका है यमुना अथॉरिटी की लैंड पर प्लॉटिंग हो रही है, 181 से लगे हुए 2 गाटा संख्या में अवैध निर्माण रोका गया अथॉरिटी के द्वारा

ग्रेटर नोएडा/दनकौर रफ्तार टुडे। पट्टे की जमीन का खेल चल रहा है दनकौर क्षेत्र में। यमुना अथॉरिटी की जमीन को धारा 80 कर दिया गया है, जो खेल तुस्याना और चिटहेरा में हुआ था वही खेल दनकौर क्षेत्र में हो रहा है।

OSD ने पुलिस को खबर कर दिए लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर ली, ओएसडी की एक्शन से पुलिस बेखबर है। खुद ओएसडी ने थाने में फोन कर दिया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

दनकौर क्षेत्र के यह बहुचर्चित 181 की जांच के आदेश हो गए हैं लेकिन अभी तक खरीद-फरोख्त का खेल रुका नहीं है। किसानों की मांग थी कि जब तक जांच ना हो जाए जब तक खरीद-फरोख्त रोक दीजिए।

181 से लगे हुए 2 गाटा संख्या में अवैध निर्माण रोका गया अथॉरिटी के द्वारा लेकिन ओएसडी शैलेंद्र सिंह के द्वारा किसानों को आश्वासन दिया गया था लेकिन आश्वासन का कोई एक्शन नहीं दिखा है। यह माना जाए कि अफसर भी इसमें मिलीभगत कर रहे हैं।

फ्लोटिंग पर एक चर्चित चेहरे को 1 घंटे के लिए देखा गया यहां आने के बाद मामले ने अपने आप ही मामले ने पकड़ कमोजोरी साबित होती हुई दिखाई दे रही है अब किसानों और गांव वालों को पता लगने लगा है कि यह यमुना अथॉरिटी इस पर क्यों कार्रवाई नहीं कर रही। किसानों का मानना है कि एक नेता जिसके फोन से कार्रवाई नहीं हो रही है वह भी मिला हुआ है।

यमुना अथॉरिटी ने धारा 10 का नोटिस भी दे दिया है जिसमें की यह मांग करी है कि जो फ्लोटिंग करें हैं वह यमुना अथॉरिटी आकर अपना पक्ष रख दें।

ग्राम वासियों के कहना है कि हमने जब से एप्लीकेशन देनी शुरू की है जब से प्लॉटिंग नहीं रुकी है जबकि प्लॉटिंग रुकनी चाहिए थी और तत्काल उस पर अमल लेना चाहिए था अथॉरिटी को।

तहसील सदर ग्राम दनकौर गौतम नगर खाता संख्या 01130 की गाटा संख्या 166 नया गाटा 181 का कुल रकबा 32.3802 हेक्टेयर है। यह जमीन यमुना अथॉरिटी की भी है और यमुना अथॉरिटी को पता नहीं है ना उसकी पैमाइश की गई की गई। कुछ जाटव लोगों ने अपनी जमीन को संक्रमणी करके बेच गए और वो जमीन गौरव नागर ने ली। गौरव नागर ने 12 बीघा जमीन बेच भी दी और 370 बीघे अभी पड़ी है। जिसके चलते दोनों पक्षों के लोगों में आपसी दुर्व्यवहार भी हुआ। और उसमें कलेक्ट्रेट बाहर के अध्यक्ष व नागर 307 के मुकदमे में जेल भी गए लेकिन गांव में फैसला होकर केस निपटा दिया गया।

राजस्व अभिलेखों में उक्त जमीन में बंजर, व गोवंश के बैठने की स्थान व यमुना प्राधिकरण के कुछ काश्तकारों के नाम कागताज माल में दर्ज है। तथा उक्त यह भी सभी का शिकार व संस्थाएं खाता संख्या वह गाटा संख्या में शहादत पर है परंतु आज तक किसी भी संस्था (ग्राम सभा व यमुना प्राधिकरण के आदि के) सहखतेदार के हिस्सा तक्सीम किसी भी सक्षम न्यायालय से नहीं हुआ है।

ग्राम ऊंची दनकौर थाना दनकौर में गौरव नागर, अखिलेश नागर पुत्र धनीराम नागर व श्रीमती मधु नगर पत्नी धनीराम नागर व धनीराम नागर पुत्र स्वर्गीय तेजपाल सिंह गाटा संख्या 181 में फर्जी रूप से पटरी करा कर रखी है। तथा कुछ जाटव लोगों के पट्टे पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के काल में फर्जी रूप से पट्टे कराकर में दर्ज कर दिए गए जिसमें भ्रष्टाचार में लिप्त होकर तत्कालीन अधिकारियों द्वारा फर्जी पट्टे के दर्ज कर कर लिए गई।

पिछले 100 वर्षों में गांव के लोगों के द्वारा कुड़ी बिठोड़ा, पशुओं की बैठने व हड़वार के रूप में होता चला आ रहा है इस बीच 2006-7 में यमुना विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था जिसमें दनकौर क्षेत्र में जमीनों के रेट काफी बढ़ गए थे और भूमाफिया किस्म के लोगों की नजर नजर ग्राम समाज में बंजर व जनता के उपयोग की जमीनों पर नजर पर नजर पड़ गई और इन लोगों ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के साथ लेकर उक्त जमीन के पट्टे पूर्व तिथियों में करा लिए गए जिनका कोई आज तक ना तो के रिकॉर्ड मिला है और ना यह पट्टे उपलब्ध है।

जिसमें कि उक्त गाटा संख्या व खाता संख्या में ओमप्रकाश पुत्र रूप में मेला मेवाराम, सोहन अंतराल पुत्रगण नत्थू व बलवीर व कुवरपाल पुत्र नत्थू निवासी ग्राम निवासी दनकौर थाना दनकौर के नाम पर एक पट्टा फर्जी तौर पर करा लिया गया। जबकि पट्टे की जमीन को उन लोगों को दिया जाता है जो लोग भूमि होते हैं।

परंतु इन लोगों के द्वारा उक्त फर्जी पट्टों को दिनांक 1:12 2014 के वार्ड संख्या 59/ 2013-14 अंतर्गत धारा 143 की कार्रवाई के बाद पत्र के साथ शपथ पूर्वक फर्जी शपथ पत्र देकर कहा गया की उक्त भूमि में निर्माण आदि के आने के बाद मकान दुकान आदि बनाकर का काबिज है। और उक्त भूमि को गैर किसी प्रयोग में लाया जा रहा है।

और तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा भूमि के बारे में किसी भी प्रकार की कोई अधिकृत रिपोर्ट नहीं लगाई गई और ना मौके पर भौतिक सर्वे किया गया और कागजों में फर्जी रिपोर्ट लगवा कर उक्त भूमि को 143 का लाभ दे दिया गया।

जब गांव वालों को इसका पता लगा तो उन्होंने शिकायत द्वारा थाने पर वह प्राधिकरण में प्रशासन स्तर पर किया गया जिसकी वजह से पुलिस द्वारा मौके पर जाकर काम रोकने रोकने का आदेश गौरव आदि को दिया परंतु उन लोगों ने के द्वारा जो लोग ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने से लोग रहे थे पुलिस की मौजूदगी में ही अपने लाइसेंसी पिस्टल और उनके घर जाकर फायरिंग कर दी और उक्त लोगों के द्वारा वहां पर लाठी-डंडे और उक्त लोगो के द्वारा लोग लोगों पर हमला भी कर दिया गया जिसमें की 307, की कार्रवाई हुई वह जेल भेजे गए।

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