Greater Noida Authority News : ग्रेटर नोएडा में सीवरेज व्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार, एसीईओ प्रेरणा सिंह ने एसटीपी व एमएसपीएस निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण, तय समय से पहले पूरा करने के निर्देश
ग्रेनो वेस्ट में 71 करोड़ के एसटीपी और 8 करोड़ के मास्टर सीवेज पंपिंग स्टेशन से 12 गांवों व सेक्टरों को मिलेगा फायदा

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सीवरेज प्रणाली को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। इसी क्रम में एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बृहस्पतिवार को निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और मास्टर सीवेज पंपिंग स्टेशन (एमएसपीएस) का मैदानी निरीक्षण किया और कार्य की प्रगति का जायजा लिया।
इस दौरान एसीईओ ने अधिकारियों और ठेकेदारों को सख्त निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ तय समय-सीमा के भीतर, बल्कि उससे पहले ही पूरा किया जाए। यह निरीक्षण ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 1 में हुआ, जहां दोनों परियोजनाएं चल रही हैं।
45 MLD क्षमता वाला एसटीपी: 71 करोड़ की लागत से 15 महीने में होगा तैयार
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के तेजी से विकसित होते क्षेत्रों की भविष्य की सीवरेज जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 45 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी बनाया जा रहा है।
लगभग 71 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह संयंत्र 15 महीने में पूरा किया जाना है, लेकिन एसीईओ ने इसे तय समय से पहले पूरा करने का निर्देश दिया है।
यह संयंत्र एक बार चालू हो जाने पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक दर्जन गांव और इतने ही सेक्टरों की सीवरेज जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करने में सक्षम होगा।
एमएसपीएस की क्षमता 80 एमएलडी, लागत 8 करोड़, लक्ष्य 6 माह
इसके साथ ही 80 एमएलडी क्षमता वाला मास्टर सीवेज पंपिंग स्टेशन (एमएसपीएस) भी लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
इसका लक्ष्य छह महीने में निर्माण पूरा करने का है, लेकिन प्रेरणा सिंह ने इसे जल्दी पूरा करने की हिदायत दी है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कार्य में तेजी लाने के लिए संबंधित इंजीनियरों से अलग से समीक्षा रिपोर्ट भी मांगी।
मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर से होगा सीवरेज शोधित और साफ—जनजीवन में सुधार की उम्मीद
इस निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया कि इन दोनों परियोजनाओं के सफलतापूर्वक चालू हो जाने पर:
- ग्रेटर नोएडा वेस्ट के करीब 12 गांव और
- उतने ही सेक्टरों के सीवरेज को वैज्ञानिक ढंग से शोधित किया जा सकेगा।
- इससे जल प्रदूषण में कमी, साफ-सुथरे नालों की व्यवस्था और नदी-झीलों की सफाई जैसे उद्देश्यों को भी बल मिलेगा।
प्राधिकरण की प्राथमिकता: स्वच्छता, पर्यावरण और भविष्य की तैयारी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब उन बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो शहरी विकास के साथ ग्रामीण क्षेत्र की भी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगी।
सीवरेज नेटवर्क का सशक्तीकरण इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे:
- पेयजल स्रोतों को प्रदूषण से बचाया जा सकेगा।
- भविष्य की जनसंख्या वृद्धि के अनुसार नगर नियोजन को गति मिलेगी।
- ग्रीन और क्लीन ग्रेटर नोएडा के सपने को जमीन पर उतारा जा सकेगा।

एसीईओ की दो टूक: लापरवाही पर नहीं मिलेगी माफी, कार्य की नियमित समीक्षा जरूरी
निरीक्षण के दौरान एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा:
“यह महज एक निर्माण कार्य नहीं है, बल्कि लाखों लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा मामला है। गुणवत्ता और समयबद्धता से समझौता नहीं किया जाएगा।“
उन्होंने सभी संबंधित विभागों से साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट और वर्कफ्लो अपडेट की मांग की है, जिससे हर स्तर पर निगरानी रखी जा सके।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट को मिलेगा बड़ी राहत—गांवों को पहली बार मिलेगा सीवर कनेक्शन
अब तक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के कई पुराने गांवों में सीवरेज व्यवस्था नहीं थी, जिससे खुले नाले और गंदगी की समस्या बनी रहती थी।
इन दोनों परियोजनाओं के पूरी तरह सक्रिय हो जाने पर इन गांवों को पहली बार वैज्ञानिक सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
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